ऊर्जा के स्रोत

ऊर्जा के स्रोत (SOURCES OF ENERGY)

ऊर्जा संरक्षण का नियम: ऊर्जा संरक्षण के नियम के अनुसार ऊर्जा का नहीं तो सृजन किया जा सकता है और नहीं इसका विनाश किया जा सकता है, इसे सिर्फ एक रूप से दुसरे रुप में रूपांतरित किया जा सकता है |
मुख्य बिंदु :
  • किसी भौतिक अथवा रासायिनक प्रक्रम के समय कुल ऊर्जा संरक्षित रहती है |
  • ऊर्जा के विविध रूप हैं तथा ऊर्जा के एक रूप को दुसरे रूप में परिवर्तित किया जा सकता है | उदाहरण के लिए, यदि हम किसी प्लेट को ऊँचाई से गिराए तो प्लेट कि स्थितिज ऊर्जा का अधिकांश भाग फर्श से टकराते समय ध्वनि ऊर्जा में परिवर्तित हो जाता है |
  • यदि हम किसी मोमबती को जलाते हैं तो यह प्रक्रम अत्यधिक ऊष्माक्षेपी होती है और इस प्रकार्जलाने पर मोमबती की रासायनिक ऊर्जा, उष्मीय ऊर्जा तथा प्रकाश ऊर्जा में परिवर्तित हो जाता है |
  • प्रयोज्य रूप (usable form) में उपलब्ध ऊर्जा चारो ओर के वातावरण में अपेक्षाकृत कम प्रयोज्य रूप में क्षयित हो जाती है | अत: कार्य करने के लिए जिस किसी ऊर्जा के स्रोत का उपयोग करते हैं वह उपभुक्त हो जाता है और पुन: उसका उपयोग नहीं किया जा सकता |

उत्तम ईंधन: वह ईंधन जो प्रति एकांक आयतन अथवा प्रति एकांक द्रव्यमान पर अधिक कार्य करे, सरलता से सुलभ हो एवं जिसका परिवहन आसान हो उत्तम ईंधन कहलाता है |
एक उत्तम ईंधन के गुण : 
(i) कम प्रदूषक हो |
(ii) प्रति एकांक आयतन अथवा प्रति एकांक द्रव्यमान पर अधिक कार्य करने वाला हो |
(iii) जो सरलता से सुलभ हो |
(iv) जिसका भडारण एवं परिवहन आसान हो |
(v) जो सस्ता हो |
उपलब्धता के आधार पर ऊर्जा के स्रोत के प्रकार: 
(1) नवीकरणीय स्रोत : ऊर्जा के वे स्रोत जो असीमित मात्रा में उपलब्ध है एवं जिनका उत्पादन और उपयोग सालों-साल किया जा सके ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोत कहलाते हैं | जैसे – हवा, जल, बायो-मास, सौर ऊर्जा,महासागरीय ऊर्जा आदि |
(2) अनवीकरणीय स्रोत : ऊर्जा के वे स्रोत जो समाप्य हैं, जो सिमित मात्रा में उपलब्ध है एवं जिनका उपयोग लंबे समय तक नहीं किया जा सके ऊर्जा के अनवीकरणीय स्रोत कहलाते है | जैसे – कोयला, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस आदि |
नवीकरणीय स्रोत एवं अनवीकरणीय स्रोत में अंतर: 

                    नवीकरणीय स्रोत                  अनवीकरणीय स्रोत
1. वे स्रोत जो असीमित मात्रा में उपलब्ध हैं |
2. इनका उत्पादन एवं उपयोग वर्षो-वर्षों तक किया जा सकता है |
3. ये समाप्य स्रोत नहीं है |
4. उदाहरण : हवा, जल, बायो-मास, सौर ऊर्जा, महासागरीय तरंग आदि |
1. वे स्रोत जो सीमित मात्रा में उपलब्ध हैं |
2. इनका उत्पादन एवं उपयोग वर्षो-वर्षों तक नहीं किया जा सकता है |
3. ये समाप्य स्रोत है |
4. उदाहरण: कोयला, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस आदि |
ऊर्जा के स्रोत: 

उपयोग के आधार पर ऊर्जा के स्रोत: 
(I) ऊर्जा के पारंपरिक स्रोत :
(II) ऊर्जा के गैर-पारंपरिक स्रोत या वैकल्पिक स्रोत :


(I) ऊर्जा के पारंपरिक स्रोत : 



ऊर्जा के वे स्रोत जो लम्बे समय से उपयोग में लाया जा रहा है | ऊर्जा के पारंपरिक स्रोत कहलाते है |
ऊर्जा के पारंपरिक स्रोत निम्नलिखित हैं | 
1. जीवाश्मी ईंधन
2. तापीय विद्युत संयंत्र
3. जल विद्युत संयंत्र
4. जैव-मात्रा (बायो-मास)
5. पवन ऊर्जा
(II) ऊर्जा के गैर-पारंपरिक स्रोत या वैकल्पिक स्रोत : 
ऊर्जा के वे स्रोत जिनका उपयोग हाल के दिनों से वैकल्पिक स्रोत के रूप में किया जा रहा है ऊर्जा के गैर-पारंपरिक स्रोत या वैकल्पिक स्रोत कहलाते हैं |
ऊर्जा के गैर-पारंपरिक स्रोत या वैकल्पिक स्रोत निम्नलिखित हैं | 
1. सौर ऊर्जा
2. समुद्रो से प्राप्त ऊर्जा
(a) ज्वारीय ऊर्जा
(b) तरंग ऊर्जा
(c) महासागरीय तापीय ऊर्जा
3. भूतापीय ऊर्जा
4. नाभकीय ऊर्जा
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ऊर्जा के पारंपरिक स्रोत

1. जीवाश्मी ईंधन:
वे ईंधन जिनका निर्माण सजीव प्राणियों के अवशेषों से करोड़ों वर्षों कि जैविक प्रक्रिया के बाद होता है | जीवाश्मी ईंधन कहते हैं |
जैसे – कोयला, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस आदि |
ऊर्जा के स्रोत के रूप में कोयले पर निर्भरता: 
(i) कोयले के उपयोग ने औद्योगिक क्रांति को संभव बनाया है |
(ii) ऊर्जा के बढती मांग कि पूर्ति के लिए आज भी हम जीवाश्मी ईंधन -कोयला तथा पेट्रोलियम पर निर्भर है |
(iii) आज भी ऊर्जा के कुल खपत का अधिकांश भाग (लगभग 70 %) कोयले से पूरी कि जाती है |
ऊर्जा के स्रोत के रूप में जीवाश्मी इंधनों की उपयोगिता (Merits): 
(i) घरेलु ईंधन के रूप में – कोयला, केरोसिन एवं प्राकृतिक गैस |
(ii) वाहनों में प्रयोग – पेट्रोल, डीजल एवं CNG आदि |
(iii) तापीय विद्युत संयंत्र में कोयले एवं अन्य जीवाश्मी इंधनों का प्रयोग |
जीवाश्मी इंधनों को जलने के हानियाँ :
(i) ये जलने पर धुँआ उत्पन्न करते है जिससे वायु प्रदुषण होता है |
(ii) इनकों जलाने से कार्बन, नाइट्रोजन एवं सल्फर के ऑक्साइड छोड़ते है जो अम्लीय वर्षा के मुख्य कारण हैं |
(iii) ये CO2, मीथेन एवं कार्बन मोनोऑक्साइड छोड़ते हैं जो ग्रीन हाउस प्रभाव को बढ़ाते है |
अम्लीय वर्षा : जीवाश्मी इंधनों को जलाने से ये कार्बन, नाइट्रोजन एवं सल्फर के ऑक्साइड छोड़ते हैं जिनसे अम्लीय वर्षा होती है |
अम्लीय वर्षा की हानियाँ : 
(i) ये पेड़ पौधों को नुकसान पहुंचता है जिससे पेड़-पौधे सुख जाते है, उनके पत्तों एवं फलों को भी नुकसान पहुँचता है |
(ii) ये जलीय जीवों को नुकसान पहुँचता है जिससे कई जीव मर जाते हैं |
(iii) ये साथ ही साथ मृदा को भी नुकसान पहुँचता है, जिससे मृदा कि प्रकृति अम्लीय हो जाती है |
जीवाश्मी इंधनों से उत्पन्न प्रदूषकों के कम करने के उपाय : 
(i) दहन प्रक्रम कि दक्षता में वृद्धि करके कम किया जा सकता है |
(ii) दहन के फलस्वरूप निकलने वाली हानिकारक गैसों तथा राखों के वातावरण में पलायन को कम करने वाली विविध तकनीकों द्वारा |

  • हमें जीवाश्मी इंधनों का संरक्षण करना चाहिए |

जीवाश्मी इंधनों का संरक्षण करने के कारण :
(i) जीवाश्मी ईंधन ऊर्जा के अनाविनीकरणीय स्रोत है |
(ii) प्रकृति में जीवाश्मी ईंधनों का सीमित भंडार है |
(iii) जीवाश्मी ईंधनों के बनने में करोड़ों वर्ष लग जाते है |


टरबाइन का सिद्धांत:
टरबाइन यांत्रिक ऊर्जा से कार्य करता है इसके रोटर-ब्लेड को घुमाने के लिए एक गति देनी होती है जो इसे गतिशील पदार्थ जैसे जल, वायु अथवा भाप से प्राप्त होता है  जिससे यह रोटर को ऊर्जा प्रदान करते है | वह इस यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में रूपांतरित करने के लिए डायनेमो के शैफ्ट को घुमा देता है | यही टरबाइन का सिद्धांत है |
ताप विद्युत की प्रक्रिया : 
ताप विद्युत की प्रक्रिया में टरबाइन को घुमाने के लिए ऊर्जा के विभिन्न स्रोतों का उपयोग किया जाता है | ये ऊर्जा के विभिन्न स्रोत निम्नलिखित हैं :
(i) ऊँचाई से गिरता हुआ पानी द्वारा |
(ii) ऊष्मा देकर जल से भाप उत्पन्न कर |
(iii) पवन के तेज झोकों द्वारा |
यह प्रक्रिया निम्न है : 

ऊर्जा स्रोत द्वारा टरबाइन का घुमाना
टरबाइन द्वारा ‘
ली गयी यांत्रिक ऊर्जा द्वारा डायनेमो के शैफ्ट को घुमाना
 डायनेमो द्वारा विद्युत ऊर्जा का उत्पन्न होना |




एक समान्य ताप विद्युत उत्पादन का मॉडल 

2. तापीय विद्युत संयंत्र : 

  • विद्युत संयंत्रों में प्रतिदिन विशाल मात्रा में जीवाश्मी ईंधन का दहन करके जल उबालकर भाप बनाई जाती है जो टरबाइनो घुमाकर विद्युत उत्पन्न करती है |
  • इन संयंत्रों में ईंधन के दहन द्वारा उष्मीय ऊर्जा उत्पन्न कि जाती है जिसे विद्युत ऊर्जा में रूपांतरित किया जाता है | इसलिए इसे तापीय विद्युत संयंत्र कहते है |
  • बहुत से तापीय संयंत्र के कोयले तथा तेल के क्षेत्रों के निकट ही स्थापित इसलिए किये जाते है ताकि समान दूरियों तक कोयले तथा पेट्रोलियम के परिवहन कि तुलना में विद्युत संचरण अधिक दक्ष हो |

3. जल विद्युत संयंत्र : 

  • जल विद्युत संयंत्र में बहते जल कि गतिज ऊर्जा अथवा किसी ऊँचाई पर स्थित जल की स्थितिज ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में रूपांतरित किया जाता है |
  • ऐसे जल-प्रपातों कि संख्या बहुत कम है इसलिए कृत्रिम जल प्रपात का निर्माण किया जाता है जिसमें नदियों या जलाशयों की बहाव को रोककर बड़े जलाशयों (कृत्रिम झीलों) में जल को एकत्र करने के लिए बड़े-बड़े बांध बनाए जाते हैं | जब इसमें जल का स्तर ऊँचा हो जाता है तो पाइप द्वारा जल की धार से बांध के आधार के पास स्थापित टरबाइन के ब्लेड को घुमाया जाता है जिससे जनित्र द्वारा विद्युत उत्पादन होता है |

बांध निर्माण एवं उससे समस्याएँ : 

  • टिहरी बांध तथा सरदार सरोवर बांध जिसकी निर्माण परियोजना का विरोध हुआ था |
  • बाँधों के टूटने पर भयंकर बाढ़ आने का खतरा रहता है |
  • इससे पेड़-पौधे, वनस्पति आदि जल में डूब जाते हैं वे अवायवीय परिस्थितियों में सड़ने लगते हैं और विघटित होकर विशाल मात्र में मीथेन गैस उत्पन्न करता है जो कि एक ग्रीन हाउस गैस है |

​बाँधों के निर्माण से होने वाले नुकसान : 
(i) बाँधों के निर्माण से बहुत से कृषि योग्य भूमि नष्ट हो जाती है |
(ii) मानव आवास नष्ट हो जाते हैं |
(iii) आस-पास के लोगों एवं जीव जंतुओं को विस्थापित होना पड़ता है जिससे उनके पुनर्वास कि समस्या उत्पन्न हो जाती है |
(iv) इससे पारिस्थितिक तंत्र को नुकसान पहुँचता है |
ऊर्जा के पारंपरिक स्रोतों के लिए प्रोद्योगिकी में सुधार: 
ऊर्जा के पारंपरिक स्रोतों के लिए प्रोद्योगिकी में सुधार के क्रम में दो प्रमुख प्रौद्योगिकी प्रचलित है जो निम्न है :
(i) जैव-मात्रा (बायो-मास)
(ii) पवन ऊर्जा

जैव मात्रा

वे ईंधन जो हमें पादप एवं जंतु उत्पाद से प्राप्त होते है उन्हें जैव-मात्रा कहते हैं | जैसे – लकड़ी, गोबर, सूखे पत्ते और तने आदि |

  • ये ज्वाला के साथ जलते है |
  • इन्हें जलाने पर अत्यधिक धुँआ निकालता है |
  • ये ईंधन अधिक ऊष्मा उत्पन्न नहीं करते है |
  • ये स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है |
  • जैव-मात्र ऊर्जा का नवीनीकरणीय स्रोत है |

चारकोल (काष्ठ कोयला) : जब लकड़ी को वायु कि सीमित आपूर्ति में जलाते हैं to उसमें उपस्थित जल एवं वाष्पशील पदार्थ बाहर निकल जाते हैं तथा इसके अवशेष के रूप में चारकोल रह जाता है |
चारकोल के गुण: 
(i) चारकोल बिना ज्वाला के जलता है |
(ii) इससे अपेक्षाकृत कम धुँआ निकलता है |
(iii) इसकी ऊष्मा उत्पन्न करने की दक्षता भी अधिक होती है |
जैव गैस या गोबर गैस :
जैव गैस का प्रचलित नाम गोबर गैस है क्योंकि इस गैस को बनाने में उपयोग होने वाला मुख्य पदार्थ गोबर है |
इसकी विशेषता निम्न है :



  • जैव गैस एक संयंत्र में उत्पन्न किया जाता है |
  • इस संयंत्र को जैव गैस संयंत्र या गोबर गैस संयंत्र कहते है |
  • इस गैस का उपयोग ईंधन व प्रकाश स्रोत के रूप में गाँव-देहात में किया जाता है |
  • यह एक उत्तम ईंधन है क्योंकि इसमें 75 प्रतिशत मेथेन गैस होती है |
  • इसकी तापन क्षमता अधिक होती है |
  • यह धुँआ उत्पन्न किये बिना जलती है |
  • इसका उपयोग प्रकाश स्रोत के रूप में भी किया जाता है |
  • तकनीक के प्रयोग से यह एक सस्ता ईंधन बन गया है |
  • इससे उत्पन्न शेष बची स्लरी का उपयोग एक उत्तम खाद के रूप में किया जाता है क्योंकि इसमें प्रचुर मात्रा में नाइट्रोजन एवं फोस्फोरस होता है |

बायो गैस का निर्माणगोबर, फसलों के काटने के पश्चात् बचे अपशिष्ट सब्जियों के अपशिष्ट जैसे विविध पादप तथा वाहित मल जब ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में अपघटित होते है तो बायो-गैस /जैव गैस का निर्माण होता है |
कर्दम (Slurry): जैव गैस बनाने के लिए मिश्रण टंकी में गोबर तथा जल का एक गाढ़ा घोल डाला जाता है, जिसे कर्दम या स्लरी (Slurry) कहते है |
संपाचित्र  (digester) : संपाचित्र चारो ओर से बंद एक कक्ष होता है जिसमें ऑक्सीजन नहीं होता है | यह बायो-गैस संयंत्र का सबसे बड़ा एवं प्रमुख भाग होता हैं | इसी भाग में अवायवीय सूक्ष्म जीव गोबर कि स्लरी के जटिल यौगिकों का अपघटन कर देते है |

बायो गैस निर्माण प्रक्रिया:

मिश्रण टंकी में कर्दम (स्लरी) का डाला जाना
अवायवीय सूक्ष्म जीवों द्वारा गोबर कि स्लरी के जटिल यौगिकों का अपघटन करना
अपघटन के पश्चात् मीथेन, CO2, हाइड्रोजन तथा हाइड्रोजन सल्फाइड गैसों का उत्पन्न होना
बनी हुई गैस का गैस टंकी में संचित होना
प्रक्रम द्वारा शेष बची स्लरी का निर्गम टंकी में इक्कठा होना

बायो-गैस संयंत्र में बनने वाली गैसें
(i) मीथेन (ii)  CO(iii) हाइड्रोजन (iv) हाइड्रोजन सल्फाइड
जैव-गैस निर्माण से निम्न उदेश्य पूर्ति होती है: 
(i) इसके निर्माण से ऊर्जा का सुविधाजनक दक्ष स्रोत मिलता है |
(ii) इसके निर्माण से उत्तम खाद मिलती है |
(iii) इसके निर्माण से अपशिष्ट पदार्थों के निपटारे का सुरक्षित उपाय भी मिल जाता है |
शेष बची स्लरी का उपयोग: 
(i) इस स्लरी में नाइट्रोजन तथा फॉस्फोरस प्रचुर मात्र में होता है इसलिए यह एक उत्तम खाद के रूप में काम आता है |
5. पवन ऊर्जा 
आजकल पवन ऊर्जा का उपयोग विद्युत उत्पन्न करने में किया जा रहा है |
पवन: गतिशील वायु को पवन कहते है | इसलिए इनमें गतिज ऊर्जा होती है और इनमें कार्य करने कि क्षमता होती हैं |
पवन की उत्पत्ति : सूर्य के विकिरणों द्वारा भूखंडों तथा जलाशयों के असमान तप्त होने के कारण वायु में गति उत्पन्न होती है तथा पवनों का प्रवाह होता है |
पवन-चक्की : पवन-चक्की एक संयंत्र है जिससे पवन के गतिज ऊर्जा का उपयोग कर विद्युत ऊर्जा बनाई जाती है |
पवन-चक्की की संरचना : पवन-चक्की किसी ऐसे विशाल विद्युत पंखे के समान होती है जिसे किसी दृढ़ आधार पर कुछ ऊँचाई पर खड़ा कर दिया जाता है |

 पवन-चक्की (Wind mill)
पवन-ऊर्जा फार्म : किसी विशाल क्षेत्र में बहुत-सी पवन चक्कियाँ लगाई जाती हैं, इस क्षेत्र को पवन ऊर्जा फार्म कहते हैं |
पवन चक्की द्वारा व्यापारिक स्तर पर विद्युत निर्माण : 
व्यापारिक स्तर पर विद्युत प्राप्त करने के लिए किसी पवन ऊर्जा फार्म की सभी पवन-चक्कियों को परस्पर (एक दुसरे से ) युग्मित कर लिया जाता है जिसके फलस्वरूप प्राप्त नेट ऊर्जा सभी पवन-चक्कियों द्वारा उत्पन्न विद्युत उर्जाओं के योग के बराबर होती है |

  • डेनमार्क पवन-ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी है इसलिए इसे पवनों का देश कहते है | यहाँ देश की 25 प्रतिशत से भी अधिक विद्युत की पूर्ति पवन-चक्कियों के विशाल नेटवर्क द्वारा विद्युत उत्पन्न की जाती है |




पवन -ऊर्जा कि विशेषताएँ : 
(i) पवन ऊर्जा नवीकरणीय  ऊर्जा का एक दक्ष एवं पर्यावरणीय-हितैषी स्रोत है |
(ii) इसके द्वारा विद्युत उत्पादन के लिए बार-बार धन खर्च करने कि आवश्यकता नहीं है |
पवन ऊर्जा के  उपयोग की सीमाएँ : 
(i) पवन ऊर्जा फार्म केवल उन्ही क्षेत्रों में स्थापित किये जाते है जहाँ वर्ष के अधिकांश दिनों में तीव्र पवन चलती हों |
(ii) टरबाइन की आवश्यक चाल को बनाए रखने के लिए पवन की चाल 15 km/h से अधिक होनी चाहिए |
(iii) पवन ऊर्जा फार्म स्थापित करने के लिए एक विशाल भूखंड कि आवश्यकता होती है |
(iv) 1 MW (मेगावाट) के जनित्र के लिए पवन फार्म की भूमि लगभग 2 हेक्टेयर होनी चाहिए |
(v) पवन ऊर्जा फार्म स्थापित करने के लिए आरंभिक लागत अत्यधिक है |
(vi) उनके लिए उच्च स्तर के रखरखाव कि आवश्यकता होती है |

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वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत अथवा गैर-परंपरागत ऊर्जा स्रोत: 


वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत अथवा गैर-परंपरागत ऊर्जा स्रोत का तात्पर्य ऊर्जा के उन स्रोतों से है जिसे हम पहले कभी प्रयोग नहीं किया परन्तु वर्त्तमान में उसे नई प्रौद्योगिकी द्वारा उर्जा के एक वैकल्पिक स्रोत के रूप देख रहे है या अब प्रयोग कर रहे हैं |
1. सौर ऊर्जा (Solar Energy) : सूर्य से प्राप्त ऊर्जा को सौर उर्जा कहते हैं | ये दृश्य प्रकाश, अवरक्त किरणों (infrared rays), पराबैगनी किरणों (ultra voilet rays) के रूप में होती हैं |
सौर स्थिरांक : पृथ्वी के वायुमंडल की परिरेखा पर सूर्य की किरणों के लंबवत स्थित खुले क्षेत्र के प्रति क्षेत्रफल पर प्रति सेकेंड पहुँचने वाली सौर ऊर्जा को सौर-स्थिरांक कहते हैं | इसका मान 1.4 kJ/sm2 होता है |
सौर ऊर्जा से चलने वाली युक्तियाँ : इन युक्तियों में सूर्य से प्राप्त ऊष्मा का उपयोग उष्मक के रूप में किया जाता है जो ऊष्मा को एकत्र कर कार्य करती है |
1. सौर ऊर्जा को ऊष्मा के रूप में : 
(i) सौर कुकर
(ii) सौर जल तापक (सौर गीजर )
(iii) सौर जल पम्प
2. सौर ऊर्जा से विद्युत ऊर्जा : इन युक्तियों में सौर उर्जा को विद्युत में रूपांतरित कर उपयोग में लाया जाता है |
(i) सौर सेल
(i) सौर कुकर : यह वह युक्ति है जिसमें सूर्य की किरणों को फोफसित करने के लिए दर्पणों का उपयोग एक बॉक्स के ऊपर लगाकर किया जाता है जो एक बढ़िया उष्मक की भांति कार्य करता है | इसमें काँच की शीट की एक ढक्कन होता है जो इसके अंदर प्रवेश करने वाली ऊष्मा को बाहर नहीं निकलने देता है | यह भोजन पकाने के लिए उपयोग में लाया जाता है |
सौर कुकर का सिद्धांत : सौर कुकर मुख्यत: दो सिद्धांतों पर कार्य करता है |
(i) काला रंग ऊष्मा को अधिक सोंखता है : 
इस सिद्धांत के आधार पर ही सौर कुकर को चारो तरफ से काला रंग से रंग जाता है ताकि ये अपने ऊपर पड़ने वाले ऊष्मा को अधिक से अधिक सोंख सके |
(ii) ग्रीन हाउस प्रभाव : इस सिद्धांत के अनुसार सौर कुकर में एक काँच की शीट ढक्कन के ऊपर लगाया जाता है ताकि उसके अंदर प्रवेश करने वाला विकिरण (ऊष्मा) बाहर न आ सके और अंदर ऊष्मा लगातार बनी रहे |
सौर कुकर के लाभ : 
(i) भारत में सौर ऊर्जा लगभग सभी जगहों पर प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है |
(ii) यह पर्यावरण हितैषी है |
(iii) इन कुकर के उपयोग से एक साथ एक से अधिक खाना बनाया जा सकता है |
सौर कुकर की हानियाँ :
(i) यह सभी प्रकार के भोजन बनाने के लिए उपयुक्त नहीं है |
(ii) इसका प्रयोग केवल तेज धुप वाले दिनों में ही किया जा सकता है |
(iii) ध्रुवीय क्षेत्रों में तथा उन क्षेत्रों में जहाँ सूर्य बहुत कम दिखाई देता है उपयोग सिमित है |
2. सौर सेल (solar cell) : ये सौर उर्जा से चलने वाली एक युक्ति है जो सौर ऊर्जा को विद्युत उर्जा में रूपांतरित करते हैं |


सौर सैल को बनाने में प्रयुक्त पदार्थ : 
सौर सेलों को बनाने के लिए सिलिकॉन का उपयोग किया जाता है | जो प्रकृति में प्रचुर
मात्रा में उपलब्ध हैं, परंतु सौर सेलों को बनाने में उपयोग होने वाले विशिष्ट श्रेणी के सिलिकॉन की उपलब्धता सीमित है।

  • धुप में रखे जाने पर किसी प्ररूपी सौर सेल से 0.5-1.0 V तक वोल्टता विकसित होती है तथा लगभग 0.7 W विद्युत उत्पन्न कर सकते हैं।

सौर पैनल : जब बहुत अधिक संख्या में सौर सेलों को संयोजित करते हैं तो यह व्यवस्था सौर पैनल कहलाती है |
सौर सेलों को एक दुसरे से जोड़कर सौर पैनल बनाया जाता है | इसे जोड़ने के लिए चाँदी (सिल्वर) का उपयोग किया जाता है |
सौर सेलों का उपयोग : 
(i) सौर ऊर्जा से विद्युत ऊर्जा प्राप्त करने के लिए किया जाता है |
(ii) सौर सेलों का उपयोग बहुत से वैज्ञानिक तथा प्रौद्योगिक अनुप्रयोगों के लिए किया जाता है।
(iii) ट्रैफिक सिग्नलों, परिकलन यन्त्र (calculator) तथा बहुत से खिलौनों में सौर सेल लगे होते हैं |
(iv) मानव-निर्मित उपग्रहों में सौर सेल का उपयोग होता हैं |
(v) रेडियो तथा वायरलेस सिस्टम, सुदूर क्षेत्रों के टी. वी. रिले केन्द्रों में सौर सेल पैनल का उपयोग होता है |
सौर सेलों के लाभ : 
(i) इसमें कोई गतिमान पुर्जा नहीं होता है तथा इनका रखरखाव सस्ता है |
(ii) ये बिना किसी फोकसन युक्ति के काफी संतोषजनक कार्य करते हैं |
(iii) इन्हें सुदूर तथा अगम्य स्थानों में स्थापित किया जा सकता है |
(ii) यह ऊर्जा का नवीकरणीय स्रोत है |
(iii) इससे प्रदुषण नहीं होता है ये पर्यावरण हितैसी हैं |
सौर सेल कि सीमाएँ : 
(i) सौर सेलों के उत्पादन की समस्त प्रक्रिया बहुत महँगी हैं |
(ii) सौर सेलों को बनाने में उपयोग होने वाले विशिष्ट श्रेणी के सिलिकॉन की उपलब्धता सीमित है।
(iii) सौर पैनल बनाने में सिल्वर (चाँदी) का उपयोग होता है जिसके कारण लागत में और वृद्धि हो जाती है।
(iv) मँहगा होने के कारण सौर सेलों का घरेलू उपयोग अभी तक सीमित है।



समुद्रों से ऊर्जा तथा नाभकीय ऊर्जा


A. समुद्रों से ऊर्जा (Sea Energy):
समुद्रों से प्राप्त ऊर्जा को हम तीन वर्गों में विभाजित करते हैं :
1. ज्वारीय ऊर्जा
2. तरंग ऊर्जा
3. महासागरीय तापीय ऊर्जा
1. ज्वारीय ऊर्जा : समुद्रों में उत्पन्न ज्वार-भाटा के कारण प्राप्त ऊर्जा को ज्वारीय ऊर्जा कहते हैं |
यह ज्वार-भाटे में जल के स्तर के चढ़ने तथा गिरने से हमें ज्वारीय ऊर्जा प्राप्त होती है।
ज्वार-भाटा (Tide) : समुद्र के जल स्तर को दिन में परिवर्तन होने की परिघटना को ज्वार-भाटा कहते है |
ज्वारीय ऊर्जा का कारण : 
(i) पृथ्वी कि घूर्णन गति
(ii) चन्द्रमा का गुरुत्वीय खिंचाव
ज्वारीय ऊर्जा का दोहन : 
ज्वारीय ऊर्जा का दोहन सागर के किसी संकीर्ण क्षेत्र पर बाँध् का निर्माण करके किया जाता है। बाँध् के द्वार पर स्थापित टरबाइन ज्वारीय ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में रूपांतरित कर देती है।
2. तरंग ऊर्जा : 
महासागरों के पृष्ठ पर आर-पार बहने वाली प्रबल पवन तरंगें उत्पन्न करती है। इन विशाल तरंगों की गतिज ऊर्जा को भी विद्युत उत्पन्न करने के लिए इन उत्पन्न तरंगों को ट्रेप किया जाता है।  तरंग ऊर्जा को ट्रेप करने के लिए विविध् युक्तियाँ विकसित की गई हैं जो टरबाइन को घुमाकर विद्युत उत्पन्न करती हैं |



तरंग ऊर्जा की सीमाएँ :
(i) तरंग ऊर्जा का वहीं पर व्यावहारिक उपयोग हो सकता है जहाँ तरंगें अत्यंत प्रबल हों।
3. महासागरीय तापीय ऊर्जा : समुद्रों तथा महासागरों के पृष्ठ के जल का ताप और गहराई के ताप में अंतर से प्राप्त प्राप्त तापीय ऊर्जा का उपयोग विद्युत संयंत्रो के उपयोग से विद्युत ऊर्जा प्राप्त करने के लिए किया जाता है |
सागरीय तापीय ऊर्जा रूपांतरण विद्युत संयंत्र (Ocean Thermal Energy Conversion Plant या OTEC विद्युत संयंत्र) : यह एक यन्त्र है जो समुद्रों तथा महासागरों के पृष्ठ तथा गहराई के तापों का अन्तर से प्राप्त ऊष्मा का उपयोग कर विद्युत ऊर्जा उत्पन्न करता है |
महासागरीय तापीय ऊर्जा का दोहन : 
इसके दोहन के लिए OTEC विद्युत संयंत्र का उपयोग किया जाता है | यह संयन्त्र महासागर के पृष्ठ पर जल का ताप तथा 2 km तक की गहराई पर जल के ताप में जब 20oC का अंतर हो तो ही OTEC संयंत्र कार्य करता है | पृष्ठ के तप्त जल का उपयोग अमोनिया जैसे वाष्पशील द्रवों को उबालने में किया जाता है। इस प्रकार बनी द्रवों की वाष्प फिर जनित्र (Generator) के टरबाइन को घुमाती है। महासागर की गहराइयों से ठंडे जल को पंपों से खींचकर वाष्प को ठंडा करके फिर से द्रव में संघनित किया जाता है। टरबाइन घूमने से विद्युत उत्पन्न होता है |
OTEC विद्युत संयंत्र की सीमाएँ :
(i) महासागर के पृष्ठ पर जल का ताप तथा 2 km तक की गहराई पर जल के ताप में जब 20oC का अंतर हो तो ही OTEC संयंत्र कार्य करता है |
(ii) इसके दक्षतापूर्ण व्यापारिक दोहन में कठिनाइयाँ है |
B. भूतापीय ऊर्जा (Geothermal Energy) :
जब भूमिगत जल तप्त स्थलों के संपर्क में आता है तो भाप उत्पन्न होती है | जब यह भाप चट्टानों के बीच फंस जाती हैं तो इसका दाब बढ़ जाता है | उच्च दाब पर यह भाप पाइपों द्वारा निकाल ली जाती है, यह भाप विद्युत जनरेटर की टरबाइन को घुमती है तथा विद्युत उत्पन्न की जाती है |
तप्त स्थल : भौमिकीय परिवर्तनों के कारण भूपर्पटी में गहराइयों पर तप्त क्षेत्रों में पिघली चट्टानें ऊपर धकेल दी जाती हैं जो कुछ क्षेत्रों में एकत्र हो जाती हैं। इन क्षेत्रों को तप्त स्थल कहते
हैं।
गरम चश्मा अथवा ऊष्ण स्रोत : तप्त जल को पृथ्वी के पृष्ठ से बाहर निकलने के लिए जो निकास मार्ग होता है। इन निकास मार्गों को गरम चश्मा अथवा ऊष्ण स्रोत कहते हैं।
लाभ :
(i) इसके द्वारा विद्युत उत्पादन की लागत अधिक नहीं है |
(ii) व्यापारिक दृष्टिकोण से इस ऊर्जा का दोहन करना व्यावहारिक है।
सीमाएँ : पृथ्वी पर भूतापीय ऊर्जा के क्षेत्र बहुत कम हैं |




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urja ke strot in hind, urja ke strot, ऊर्जा के स्त्रोत, गैर-पारंपरिक ऊर्जा के स्रोत, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत, भविष्य के ऊर्जा स्रोत, Source of energy.

नौवीं कक्षा में, हमने सीखा है कि एक भौतिक या रासायनिक प्रक्रिया के दौरान कुल ऊर्जा संरक्षित है. क्यों, फिर, हम इतना ऊर्जा संकट के बारे में सुना है? यदि ऊर्जा न तो और न ही बनाया जा सकता है को नष्ट कर दिया, हम कोई चिंता नहीं होनी चाहिए! हम करने के लिए ऊर्जा संसाधनों के बारे में सोच के बिना अंतहीन गतिविधियों प्रदर्शन करने में सक्षम होना चाहिए!

अगर हम याद करते हैं और क्या हम ऊर्जा के बारे में सीखा है इस पहेली हल किया जा सकता है. ऊर्जा अलग अलग रूपों में आता है और एक फार्म का एक और करने के लिए परिवर्तित किया जा सकता है. उदाहरण के लिए, अगर हम एक ऊंचाई से एक थाली छोड़, प्लेट की संभावित ऊर्जा ज्यादातर कनवर्ट हो जाता है जब यह भूमि हिट करने के लिए ऊर्जा ध्वनि. यदि हम एक मोमबत्ती की रोशनी में, इस प्रक्रिया अत्यधिक एक्ज़ोथिर्मिक ताकि मोम में रासायनिक ऊर्जा को जलाने पर ऊर्जा और प्रकाश ऊर्जा गर्मी कनवर्ट किया जाता है. क्या अन्य उत्पादों जब हम एक मोमबत्ती जला प्राप्त कर रहे हैं?

एक भौतिक या रासायनिक प्रक्रिया के दौरान कुल ऊर्जा ही रहता है लेकिन लगता है हम फिर से जलती हुई मोमबत्ती पर विचार – हम किसी भी तरह एक साथ वापस मोम के रूप में रासायनिक ऊर्जा प्राप्त प्रतिक्रिया के उत्पादों के साथ उत्पन्न गर्मी और प्रकाश डाल सकते हैं?

हमें एक और उदाहरण पर विचार करें. मान लीजिए कि हम पानी की 100 मिलीलीटर जो 348 कश्मीर की एक तापमान (75 डिग्री सेल्सियस) और यह एक कमरे में छोड़ दें, जहां का तापमान 298 कश्मीर (25 डिग्री सेल्सियस) है. क्या होगा? वहाँ सब पर्यावरण के लिए खो गर्मी का संग्रह है और पानी गर्म कर एक बार यह नीचे ठंडा है की किसी भी तरह है?

किसी भी उदाहरण है कि हम विचार में, हम देखेंगे कि ऊर्जा के लिए प्रयोग करने योग्य रूप में, कम उपयोगी रूपों में आसपास छितराया हुआ है. इसलिए, ऊर्जा के किसी भी स्रोत के लिए काम करना है, हम उपयोग का सेवन किया और फिर से नहीं किया जा सकता है.

14.1 क्या ऊर्जा का एक अच्छा स्रोत है?

क्या तब ऊर्जा का अच्छा स्रोत माना जा सकता है? हम, हमारे दैनिक जीवन में काम करने के लिए विभिन्न स्रोतों से ऊर्जा का उपयोग करें. हम डीजल का उपयोग करने के लिए हमारी गाड़ियों को चलाने. हम बिजली का उपयोग करने के लिए हमारी सड़क दीपक प्रकाश. या हम हमारी मांसपेशियों में ऊर्जा का उपयोग करें स्कूल चक्र.

क्रियाकलाप 1
  • ऊर्जा की सूची चार रूपों, है कि आप सुबह से उपयोग जब आप जाग, जब तक तुम स्कूल तक पहुँचते हैं.
  • कहाँ से हम ऊर्जा के इन विभिन्न रूपों मिलता है?
  • हम ऊर्जा के इन स्रोतों ‘कॉल कर सकते हैं? क्यों या क्यों नहीं?

खाना पकाने के लिए विभिन्न उपकरणों, रासायनिक ऊर्जा चल रहा है या सब कुछ स्रोत से आए एक वाहन चलाने के लिए शारीरिक काम, विद्युत ऊर्जा बाहर ले जाने के लिए पेशी ऊर्जा. हम जानते हैं कि हम कैसे इसके प्रयोग करने योग्य रूप में ऊर्जा प्राप्त करने के लिए की जरूरत स्रोत का चयन करते हैं की जरूरत है.​​​​​

क्रियाकलाप 2
  • ​​​​​हम जब हम हमारे खाना पकाने के लिए ईंधन का चयन विभिन्न विकल्पों पर विचार करें.
  • मानदंड तुम जब एक अच्छा ईंधन के रूप में कुछ वर्गीकृत करने की कोशिश कर रहा पर विचार करेंगे क्या हैं?
  • अपनी पसंद अलग होगा अगर आप रहते हैं
    1. एक जंगल में?
    2. एक दूरदराज के पहाड़ी गांव या छोटे से द्वीप है?
    3. नई दिल्ली में?
    4. पांच शताब्दियों पहले रहते थे?
  • प्रत्येक मामले में विभिन्न कारकों कैसे हैं?

ऊपर दो गतिविधियों के माध्यम से जाने के बाद, हम देखते हैं कि विशेष रूप से, ऊर्जा या ईंधन के स्रोत, हम कुछ काम करने के लिए चयन कर सकते हैं कई विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है. उदाहरण के लिए, जबकि ईंधन चयन, हम अपने आप निम्नलिखित प्रश्न पूछना चाहते हैं.

  1. यह कितना गर्मी जल पर जारी करता है?
  2. क्या यह धूम्रपान का एक बहुत का उत्पादन?
  3. यह आसानी से उपलब्ध है?

आप तीन से अधिक प्रासंगिक सवाल के बारे में सोच सकते हैं ईंधन के बारे में पूछना?
हम आज ईंधन की रेंज को देखते हुए, क्या कारक हैं जो हमारी पसंद की सीमा जब यह हमारे खाना पकाने की तरह एक विशेष कार्य के लिए आता है? चयनित ईंधन भी काम के लिए किया जाएगा पर निर्भर करेगा? उदाहरण के लिए, हम और सर्दियों में कमरा गर्म करने के लिए खाना पकाने एक और के लिए एक ईंधन चुनना होगा?

हम तो कहते हैं कि ऊर्जा का एक अच्छा स्रोत होगा सकता है

  • जो प्रति इकाई मात्रा या जन एक काम की एक बड़ी राशि करना होगा,
  • आसानी से सुलभ हो सकता है,
  • दुकान और परिवहन के लिए आसान हो सकता है, और
  • शायद सबसे महत्वपूर्ण बात, किफायती हो.
प्रश्न
  • ऊर्जा का एक अच्छा स्रोत क्या है?
  • क्या एक अच्छा ईंधन है?
  • यदि आप अपना खाना, और जो एक तुम क्यों प्रयोग करेंगे हीटिंग के लिए ऊर्जा के किसी भी स्रोत का उपयोग कर सकता है?

ऊर्जा का 14.2 परंपरागत स्रोतों

14.2.1 जीवाश्म ईंधन

प्राचीन समय में, लकड़ी गर्मी ऊर्जा का सबसे सामान्य स्रोत था. पानी बहने की ऊर्जा और पवन भी सीमित गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया गया था. आप इन का उपयोग करता है की कुछ के बारे में सोच सकते हैं? ऊर्जा के एक स्रोत के रूप में कोयले का शोषण औद्योगिक क्रांति को संभव बनाया. बढ़ाने औद्योगीकरण दुनिया भर में एक जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए नेतृत्व किया गया है. यह भी एक जबरदस्त दर से बढ़ने की ऊर्जा के लिए वैश्विक मांग के कारण होता है. पेट्रोलियम और कोयला – ऊर्जा के लिए बढ़ती हुई मांग को काफी हद तक जीवाश्म ईंधन से मुलाकात की थी. हमारे प्रौद्योगिकियों को भी इन ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करने के लिए विकसित किए गए. लेकिन इन ईंधन के लाखों साल पहले गठन किया गया और वहाँ केवल सीमित भंडार हैं. जीवाश्म ईंधन, ऊर्जा के अनवीकरणीय स्रोत हैं, तो हम उन्हें संरक्षण की जरूरत है. यदि हम इस तरह के खतरनाक दरों में इन स्रोतों उपभोक्ता जारी थे, तो हम जल्द ही ऊर्जा के बाहर चला जाएगा! आदेश में इस से बचने के लिए, ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों का पता लगाया गया. लेकिन हम हमारी ऊर्जा आवश्यकताओं के अधिकांश के लिए जीवाश्म ईंधन (1 छवि) पर काफी हद तक निर्भर होना जारी है.

जीवाश्म ईंधन के जलने भी अन्य नुकसान है. हम कोयला या पेट्रोलियम उत्पादों की जलने के कारण वायु प्रदूषण के बारे में ग्यारहवीं कक्षा में सीखा. जीवाश्म ईंधन के जलने पर जारी कर रहे हैं कि कार्बन, नाइट्रोजन और सल्फर के आक्साइड अम्लीय आक्साइड हैं. ये हमारे पानी और मिट्टी संसाधनों को प्रभावित करता है जो अम्ल वर्षा को जन्म दे. वायु प्रदूषण की समस्या के अलावा, कार्बन डाइऑक्साइड जैसी गैसें के ग्रीन हाउस प्रभाव को याद करते हैं.

अंजीर. 1 भारत में हमारी आवश्यकताओं के लिए ऊर्जा का प्रमुख स्रोत दिखा पाई चार्ट
विचार कीजिए!

हमारे जीवन अगर हम अब बिजली आपूर्ति मिल सकता है कैसे बदल जाएगा? देश में प्रत्येक व्यक्ति को विद्युत ऊर्जा की उपलब्धता देश के विकास को मापने के लिए पैरामीटर में से एक है.

प्रदूषण जीवाश्म ईंधन जलाने की वजह से कुछ दहन प्रक्रिया की दक्षता बढ़ाने और विभिन्न तकनीकों का उपयोग करने के लिए वातावरण में हानिकारक गैसों और राख के भागने को कम से कम किया जा सकता है. विभिन्न प्रयोजनों के लिए सीधे इस्तेमाल किया जा रहा है इसके अलावा गैस स्टोव और वाहनों में, आपको पता है कि जीवाश्म ईंधन प्रमुख ईंधन बिजली पैदा करने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं? हमें हमारे वर्ग में अपने छोटे से संयंत्र में कुछ बिजली उत्पादन के लिए और देखो क्या हमारी ऊर्जा के अपने पसंदीदा फार्म के उत्पादन में चला जाता है.

क्रियाकलाप 3
  • एक टेबल टेनिस गेंद ले लो और उस में तीन slits के बनाने.
  • Semicircular डाल ( ) पंख एक धातु शीट के बाहर इन slits में कटौती.
  • धुरी सीधे धातु एक कठोर समर्थन करने के लिए तय तार के साथ अपने केंद्र के माध्यम से एक धुरा पर टेनिस गेंद. सुनिश्चित करें कि टेनिस गेंद धुरा के बारे में आज़ादी से rotates के.
  • अब यह एक चक्र डाइनेमो कनेक्ट.
  • श्रृंखला में एक बल्ब कनेक्ट.
  • पंख (छवि 2) में एक प्रेशर कुकर में पानी या भाप की एक जेट प्रत्यक्ष. तुम क्या निरीक्षण करते हैं?

यह बिजली पैदा करने के लिए हमारे टरबाइन है. सरल टर्बाइनों एक चलती हिस्सा है, रोटर ब्लेड विधानसभा है. ब्लेड पर चलते द्रव कृत्यों के लिए उन्हें स्पिन करने के लिए और रोटर के लिए ऊर्जा प्रदान. इस प्रकार, हम देखते हैं कि हम मूल रूप से गति है जो डाइनेमो की शाफ्ट बारी और विद्युत ऊर्जा में यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित होता है के साथ प्रशंसक, रोटर ब्लेड, ले जाने की जरूरत है – ऊर्जा के रूप में जो आज के परिदृश्य में एक आवश्यकता बन गई है. विभिन्न तरीकों में जो यह किया जा सकता है संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है. हम देखेंगे कि कैसे ऊर्जा के विभिन्न स्रोतों के टरबाइन चलाने के लिए और निम्न अनुभागों में बिजली उत्पन्न करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.

14.2.2 थर्मल पावर प्लांट

जीवाश्म ईंधन की बड़ी राशि हर दिन बिजली स्टेशनों में जला रहे हैं करने के लिए पानी गर्म करने के लिए भाप का उत्पादन जो आगे बिजली उत्पन्न करने के लिए टरबाइन चलाता है. बिजली का संचरण ही दूरी पर कोयला या पेट्रोलियम परिवहन की तुलना में कुशल है. इसलिए, कई ताप विद्युत संयंत्र कोयला या तेल क्षेत्रों के पास स्थापित कर रहे हैं. शब्द थर्मल बिजली संयंत्र के बाद से ईंधन जला दिया जाता है जो विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करने के लिए गर्मी ऊर्जा का उत्पादन किया जाता है.

14.2.3 हाइड्रो पावर संयंत्रों

ऊर्जा का एक और पारंपरिक स्रोत गतिज ऊर्जा या पानी बहने की ऊंचाई पर पानी की संभावित ऊर्जा था. जलविद्युत संयंत्रों में बिजली गिरने के पानी की क्षमता ऊर्जा में परिवर्तित. के बाद से वहाँ बहुत कुछ पानी में गिर जाता है जो संभावित ऊर्जा के एक स्रोत के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है, जलविद्युत संयंत्रों बांधों के साथ जुड़े रहे हैं. पिछली सदी में, दुनिया भर में सभी बांधों की एक बड़ी संख्या में बनाया गया था. जैसा कि हम छवि से देख सकते हैं. 1, हमारे भारत में ऊर्जा आवश्यकता का एक चौथाई जल विद्युत संयंत्रों द्वारा पूरा किया जाता है.

आदेश में पनबिजली बिजली का उत्पादन करने के लिए, उच्च वृद्धि बांधों नदी पर निर्माण कर रहे हैं के लिए पानी के प्रवाह में बाधा डालती है और इस तरह बड़े जलाशयों में पानी इकट्ठा. जल स्तर बढ़ जाता है और इस प्रक्रिया में बह रहा पानी की गतिज ऊर्जा क्षमता ऊर्जा में तब्दील हो जाता है. बांध में उच्च स्तर से पानी के पाइप के माध्यम से किया जाता है, बांध के नीचे (छवि 3) टरबाइन,. जलाशय में पानी के बाद से हर बार यह बारिश (हाइड्रो पावर ऊर्जा का एक अक्षय स्रोत है) refilled किया जाएगा हम हो रही जिस तरह से जीवाश्म ईंधन का इस्तेमाल पन बिजली स्रोतों के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है एक दिन खत्म हो जाएगा.

लेकिन, बड़े बांधों के निर्माण के साथ जुड़े कुछ समस्या है. बांधों स्थानों की एक सीमित संख्या में ही निर्माण किया जा सकता है, पहाड़ी क्षेत्रों में बेहतर है. कृषि भूमि और मानव बस्ती के बड़े क्षेत्रों के रूप में वे जलमग्न हो बलिदान जा रहे हैं. बड़े पारिस्थितिकी प्रणालियों जब बांधों में पानी के नीचे जलमग्न नष्ट कर रहे हैं. वनस्पति जो anaerobic शर्तों के तहत rots जलमग्न है और बड़ी मात्रा में मीथेन की जो भी एक हरे घर गैस को जन्म देता है. यह विस्थापित लोगों की संतोषजनक पुनर्वास की समस्या पैदा करता है. टिहरी बांध पर नदी गंगा और नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर परियोजना के निर्माण के लिए विपक्ष इस तरह की समस्याओं के कारण होते हैं.

अंजीर. 3 एक पनबिजली योजना का एक योजनाबद्ध दृश्य
अंजीर. 3 एक पनबिजली योजना का एक योजनाबद्ध दृश्य

ऊर्जा के परंपरागत स्रोत का उपयोग करने के लिए 14.2.4 प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सुधार

बायो – मास

हम पहले उल्लेख किया है कि एक लंबे समय के लिए ईंधन के रूप में लकड़ी का इस्तेमाल किया गया है. यदि हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि पर्याप्त पेड़ लगाए हैं, आग की लकड़ी की एक सतत आपूर्ति का आश्वासन दिया जा सकता है. आप एक ईंधन के रूप में गाय के गोबर केक का उपयोग के साथ भी परिचित होना चाहिए. भारत में बड़े रहते स्टॉक जनसंख्या को देखते हुए, यह भी हमें ईंधन की एक सतत स्रोत को आश्वस्त कर सकते हैं. चूंकि इन ईंधन पौधे और पशु उत्पादों रहे हैं, इन ईंधन के स्रोत के लिए जैव द्रव्यमान होने के लिए कहा जाता है. ये ईंधन, तथापि, जल और धूम्रपान का एक बहुत पर ज्यादा गर्मी का उत्पादन नहीं बाहर दिया जाता है जब वे जला रहे हैं. इसलिए, तकनीकी आदानों के लिए इन ईंधन की दक्षता में सुधार जरूरी हैं. जब ऑक्सीजन पानी, और अस्थिर मौजूद सामग्री की एक सीमित आपूर्ति में इसे हटा दिया है और लकड़ी का कोयला अवशेषों के रूप में पीछे छोड़ दिया है में लकड़ी जला दिया जाता है. लकड़ी का कोयला आग के बिना जलता है, अपेक्षाकृत निर्धूम है और एक उच्च दक्षता गर्मी पीढ़ी है.

इसी तरह, गाय के गोबर, फसलों की कटाई के बाद अवशेषों की तरह विभिन्न संयंत्र सामग्री, वनस्पति बेकार और मलजल ऑक्सीजन के अभाव के लिए बायो गैस देने में विघटित कर रहे हैं. के बाद से शुरू सामग्री मुख्य रूप से गाय के गोबर है, यह लोकप्रिय ‘गोबर गैस के रूप में जाना जाता है. बायो गैस संयंत्र में उत्पादन किया जाता है के रूप में छवि में दिखाया गया है. 4.

संयंत्र एक गुंबद के तरह ईंटों साथ बनाया संरचना है. गाय के गोबर और पानी के घोल से जहां यह पाचक में खिलाया है मिश्रण टैंक में किया जाता है. पाचक एक सीलबंद कक्ष में ऑक्सीजन नहीं है है. Anaerobic – सूक्ष्म जीवों कि ऑक्सीजन विघटित नहीं की आवश्यकता होती है या नीचे गाय के गोबर गारा की जटिल यौगिकों को तोड़ने. यह विघटन की प्रक्रिया के लिए कुछ दिन लगते हैं और पूरा करने के मीथेन, कार्बन डाइऑक्साइड, हाइड्रोजन और हाइड्रोजन सल्फाइड जैसी गैसों उत्पन्न. जैव गैस से जो वे उपयोग के लिए पाइप के माध्यम से तैयार कर रहे हैं पाचक ऊपर गैस टैंक में संग्रहीत किया जाता है.

जैव गैस एक उत्कृष्ट ईंधन के रूप में यह 75% मीथेन तक शामिल है. यह धूम्रपान के बिना जलता है, लकड़ी का कोयला, कोयला और जल में राख की तरह कोई अवशेषों छोड़ देता है. इसके हीटिंग क्षमता अधिक है. जैव गैस भी प्रकाश के लिए प्रयोग किया जाता है. पीछे छोड़ दिया घोल समय – समय पर हटा दिया जाता है और उत्कृष्ट खाद, नाइट्रोजन और फास्फोरस में अमीर के रूप में इस्तेमाल किया. बड़े पैमाने पर जैव कचरे और मल सामग्री का उपयोग अपशिष्ट निपटान के ऊर्जा और खाद की आपूर्ति के अलावा एक सुरक्षित और कारगर तरीका प्रदान करता है. क्या आपको लगता है कि बायोमास ऊर्जा का एक अक्षय स्रोत है?

अंजीर. 4 बायो गैस संयंत्र के योजनाबद्ध आरेख
अंजीर. 4 बायो गैस संयंत्र के योजनाबद्ध आरेख

पवन ऊर्जा

हम ग्यारहवीं कक्षा में देखा कैसे सौर विकिरण द्वारा भूमि और जल निकायों के असमान हीटिंग हवा आंदोलन उत्पन्न करता है और हवाओं को उड़ाने का कारण बनता है. हवा की इस गतिज ऊर्जा के लिए काम करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. यह ऊर्जा पवन चक्कियों द्वारा अतीत में इस्तेमाल किया गया था यांत्रिक काम करना. उदाहरण के लिए, एक पंप पानी उठाने में, windmill की अंग को घुमानेवाली पेशी का प्रस्ताव एक अच्छी तरह से पानी लिफ्ट का उपयोग किया जाता है. आज, पवन ऊर्जा भी बिजली उत्पन्न करने के लिए प्रयोग किया जाता है. Windmill के अनिवार्य रूप से एक बड़े बिजली के प्रशंसक है कि एक कठोर समर्थन छवि (5) पर कुछ ऊंचाई पर खड़ा है के लिए इसी तरह की संरचना के होते हैं.

बिजली उत्पन्न करने के लिए, windmill की अंग को घुमानेवाली पेशी का प्रस्ताव बिजली जनरेटर की टरबाइन बारी करने के लिए प्रयोग किया जाता है. एक windmill की उत्पादन काफी छोटा है और वाणिज्यिक प्रयोजनों के लिए उपयोग नहीं किया जा सकता है. इसलिए, पवन चक्कियों की संख्या एक बड़ा क्षेत्र है, जो पवन ऊर्जा फार्म के रूप में जाना जाता है पर खड़ा है. ऊर्जा उत्पादन के एक खेत में प्रत्येक windmill के साथ युग्मित है एक व्यावसायिक पैमाने पर बिजली प्राप्त करने के लिए.

अंजीर. 5 एक windmill
अंजीर. 5 एक windmill
क्या आप जानते हैं?

डेनमार्क हवाओं ‘देश कहा जाता है. अपनी बिजली की जरूरत की 25% से अधिक windmills का एक विशाल नेटवर्क के माध्यम से उत्पन्न कर रहे हैं. कुल उत्पादन के मामले में, जर्मनी के नेता है, जबकि भारत का दोहन पवन ऊर्जा के क्षेत्र में बिजली के उत्पादन के लिए पांचवें स्थान पर है. यह अनुमान है कि बिजली के 45,000 मेगावाट अगर भारत हवा संभावित पूरी तरह से शोषण किया जाता है उत्पन्न किया जा सकता है. सबसे बड़ा पवन ऊर्जा फार्म तमिलनाडु में कन्याकुमारी के निकट स्थापित किया गया है और यह बिजली के 380 मेगावाट उत्पन्न करता है.

पवन ऊर्जा अक्षय ऊर्जा के एक स्रोत पर्यावरण के अनुकूल और कुशल है. यह बिजली के उत्पादन के लिए कोई आवर्ती व्यय की आवश्यकता है. लेकिन वहाँ दोहन पवन ऊर्जा के क्षेत्र में कई सीमाएं हैं. सबसे पहले, पवन ऊर्जा खेतों उन स्थानों पर जहां एक वर्ष के अधिक से अधिक भाग के लिए हवा चल रही है पर केवल स्थापित कर सकते हैं. हवा की गति 15 किमी / घंटे टरबाइन की गति को बनाए रखने की आवश्यकता से अधिक होना चाहिए. इसके अलावा, वहाँ कुछ वापस अप (भंडारण कोशिकाओं की तरह) की सुविधा के लिए ऊर्जा जरूरतों का ध्यान अवधि के दौरान जब वहाँ कोई हवा नहीं है होना चाहिए. पवन ऊर्जा फार्मों की स्थापना देश के बड़े क्षेत्र की आवश्यकता है. 1 मेगावाट जनरेटर के लिए कृषि भूमि के बारे में 2 हेक्टेयर की जरूरत है. खेत की स्थापना की प्रारंभिक लागत काफी अधिक है. इसके अलावा, के बाद से टावर और ब्लेड जैसे बारिश, सूर्य, तूफान, चक्रवात और प्रकृति की अनियमितता को उजागर कर रहे हैं, वे रखरखाव के एक उच्च स्तर की जरूरत है.

प्रश्न
  • जीवाश्म ईंधन के नुकसान क्या हैं?
  • हम ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों पर क्यों देख रहे हो?
  • हवा पानी और ऊर्जा के परंपरागत उपयोग किया गया है हमारी सुविधा के लिए संशोधित?

ऊर्जा का 14.3 वैकल्पिक या गैर परंपरागत स्रोतों

तकनीकी प्रगति के साथ, ऊर्जा के लिए हमारी मांग दिन ब दिन बढ़ जाती है. हमारे जीवन शैली भी बदल रहे हैं, हम मशीनों का उपयोग करने के लिए अधिक है और हमारे कार्यों के बारे में अधिक. हमारा बुनियादी आवश्यकताओं के रूप में भी औद्योगीकरण हमारे जीवन स्तर में सुधार बढ़ रही हैं.

क्रियाकलाप 4
  • अपने भव्य माता पिता या अन्य बड़ों से बाहर का पता लगाएं –
    • वे स्कूल कैसे चले गए?
    • वे अपनी दैनिक जरूरतों के लिए पानी के लिए जब वे युवा थे?
    • क्या मनोरंजन का मतलब है कि वे का उपयोग नहीं किया?
  • कैसे आप इन कार्यों अब के साथ तुलना ऊपर जवाब.
  • वहाँ एक अंतर है? यदि हाँ, जो मामले में बाहरी स्रोतों से अधिक ऊर्जा की खपत है?

हमारी ऊर्जा वृद्धि के लिए मांग के रूप में, हम ऊर्जा के अधिक से अधिक स्रोतों के लिए देखने की जरूरत है. हम प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए ऊर्जा के उपलब्ध या ज्ञात स्रोतों और अधिक कुशलता से उपयोग कर सकता है और यह भी ऊर्जा के नए स्रोतों को देखो. ऊर्जा के किसी भी नए स्रोत हम का फायदा उठाने की तलाश विशिष्ट मन में है कि स्रोत के साथ विकसित उपकरणों की आवश्यकता होगी. अब हम ऊर्जा के स्रोतों में से कुछ है कि हम करने के लिए नल की तलाश है, और प्रौद्योगिकी पर कब्जा करने के लिए और उस स्रोत से ऊर्जा की दुकान करने के लिए डिज़ाइन पर विचार करूँगा.

यह सोचो!

कुछ लोगों का कहना है कि अगर हम हमारे पूर्वजों के रूप में रहने लगते हैं, यह ऊर्जा और हमारे पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण होगा. क्या आपको लगता है कि इस विचार संभव है?

14.3.1 सौर ऊर्जा

सूर्य लगभग 5 अरब वर्ष के लिए वर्तमान दर पर किया गया है ऊर्जा का एक विशाल राशि में radiating और कि दर में radiating के बारे में 5 अरब अधिक वर्षों के लिए जारी रहेगा. सौर ऊर्जा के केवल एक छोटा सा हिस्सा पृथ्वी के वायुमंडल की बाहरी परत तक पहुँचता है. इसे का लगभग आधा जबकि वातावरण के माध्यम से गुजर अवशोषित हो जाती है और बाकी पृथ्वी की सतह तक पहुँचता है.

क्या आप जानते हैं?

भारत वर्ष के अधिक से अधिक भाग के लिए सौर ऊर्जा प्राप्त करने के लिए भाग्यशाली है. यह एक वर्ष के दौरान भारत में 5000 से अधिक खरब किलोवाट तक ऊर्जा के बराबर मिलता है कि अनुमान है. स्पष्ट (cloudless) आकाश शर्तों के तहत, दैनिक औसत 4 से 7 किलोवाट / 2 मीटर तक होती है. सूर्य और पृथ्वी के बीच की औसत दूरी पर सूर्य की किरणों को लंबरूप उजागर पृथ्वी के वायुमंडल के बाहरी छोर पर इकाई क्षेत्र तक पहुँचने सौर ऊर्जा सौर निरंतर के रूप में जाना जाता है. यह प्रति वर्ग मीटर प्रति सेकंड लगभग 1.4 जूल या 1.4 किलोवाट / 2 मीटर होने का अनुमान है.

क्रियाकलाप 5
  • दो शंक्वाकार बोतल ले लो और एक सफेद और अन्य काले रंग. दोनों पानी के साथ भरें.
  • एक घंटे के लिए आधे घंटे के लिए सीधे धूप में शंक्वाकार बोतल रखें.
  • शंक्वाकार फ्लास्क टच. जो एक hotter है? तुम भी एक थर्मामीटर के साथ दो शंक्वाकार फ्लास्क में पानी के तापमान को मापने सकता है.
  • आप तरीके जो इस खोज में अपने दैनिक जीवन में इस्तेमाल किया जा सकता है के बारे में सोच सकते हैं?

एक काली सतह अधिक गर्मी को अवशोषित के रूप में एक सफेद या समान शर्तों के तहत एक को दर्शाती सतह की तुलना में. सौर कुकर छवि (6) और सौर जल heaters उनके काम में इस संपत्ति का उपयोग करें. कुछ सौर कुकर दर्पण का उपयोग करने के लिए सूर्य की किरणों ध्यान केंद्रित द्वारा एक उच्च तापमान प्राप्त करने के लिए. सौर कुकर एक ग्लास प्लेट के साथ कवर किया जाता है. स्मरण करो कि हम क्या हरी घर के प्रभाव के बारे में सीखा है. क्या यह समझाने के लिए क्यों एक गिलास प्लेट का प्रयोग किया जाता है?

अंजीर. 6 सौर कुकर
अंजीर. 6 सौर कुकर
क्रियाकलाप 6
  • संरचना और एक सौर कुकर और / या एक सौर वॉटर हीटर का काम कर रहे यह कैसे अछूता है और अधिकतम गर्मी अवशोषण सुनिश्चित किया जाता है के संबंध के साथ, विशेष रूप से, अध्ययन.
  • डिजाइन और निर्माण एक सौर कुकर या पानी हीटर कम लागत वाली सामग्री उपलब्ध है और तापमान आपके सिस्टम में क्या प्राप्त कर रहे हैं जाँच का उपयोग कर.
  • चर्चा क्या सौर कुकर या पानी हीटर का उपयोग कर के लाभ और सीमाओं होगा.

यह देखना आसान है कि इन उपकरणों केवल दिन के दौरान कुछ समय में उपयोगी होते हैं. सौर ऊर्जा का उपयोग कर के इस सीमा सौर कोशिकाओं है कि बिजली में सौर ऊर्जा में परिवर्तित का उपयोग करके दूर है. एक ठेठ सेल 0.5-1 वी के वोल्टेज विकसित और बिजली की 0.7 डब्ल्यू के बारे में उत्पादन जब सूर्य को उजागर कर सकते हैं. सौर कोशिकाओं की एक बड़ी संख्या में हैं, एक सौर सेल पैनल छवि (7) है कि व्यावहारिक प्रयोग के लिए पर्याप्त बिजली देने के कर सकते हैं बुलाया व्यवस्था में संयुक्त.

प्रिंसिपल सौर कोशिकाओं के साथ जुड़े लाभ कर रहे हैं कि वे नहीं भागों चलती है, कम रखरखाव की आवश्यकता है और किसी भी ध्यान केंद्रित डिवाइस के उपयोग के बिना काफी संतोषजनक काम. एक और लाभ यह है कि वे दूरस्थ और दुर्गम बस्तियों में स्थापित कर सकते हैं या बहुत कम बसे हुए क्षेत्रों में जो एक विद्युत पारेषण लाइन बिछाने महंगा है और यह व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य नहीं हो सकता है.

सिलिकॉन, जो सौर कोशिकाओं को बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है प्रकृति में प्रचुर मात्रा में है, लेकिन सौर कोशिकाओं को बनाने के लिए विशेष ग्रेड सिलिकॉन की उपलब्धता सीमित है. निर्माण की पूरी प्रक्रिया अभी भी बहुत महंगी है, पैनल में कोशिकाओं का एक दूसरे का संबंध के लिए इस्तेमाल किया चांदी आगे लागत के लिए कहते हैं. उच्च लागत और कम क्षमता के बावजूद, सौर कोशिकाओं कई वैज्ञानिक और तकनीकी अनुप्रयोगों के लिए उपयोग किया जाता है. मंगल ग्रह orbiters की तरह कृत्रिम उपग्रहों और अंतरिक्ष जांच ऊर्जा का मुख्य स्रोत के रूप में सौर कोशिकाओं का उपयोग करें. रेडियो या वायरलेस ट्रांसमिशन सिस्टम या दूरदराज के स्थानों में टीवी रिले स्टेशनों सौर सेल पैनल का उपयोग करें. यातायात संकेत, calculators और कई खिलौने सौर कोशिकाओं के साथ लगे हैं. सौर सेल पैनल विशेष रूप से इच्छुक लिए डिज़ाइन छत पर बढ़ रहे हैं तो सबसे ऊपर है कि अधिक सौर ऊर्जा पर घटना है. सौर कोशिकाओं के घरेलू इस्तेमाल होता है, तथापि, अपने उच्च लागत की वजह से सीमित.

सागर से 14.3.2 ऊर्जा

ज्वारीय ऊर्जा

कारण कताई पृथ्वी पर मुख्य रूप से चंद्रमा के गुरुत्वीय खींचने के लिए, समुद्र में पानी का स्तर बढ़ जाता है और गिर जाता है. अगर तुम समुद्र के पास रहते हैं या कभी समुद्र के पास कुछ जगह की यात्रा करने की कोशिश, और दिन के दौरान समुद्र के स्तर कैसे परिवर्तन का पालन. इस घटना उच्च और कम ज्वार कहा जाता है और समुद्र के स्तर में अंतर हमें ज्वार ऊर्जा देता है. ज्वारीय ऊर्जा एक संकीर्ण खोलने भर में समुद्र के लिए एक बांध के निर्माण के द्वारा इस्तेमाल किया जाता है. एक बांध के उद्घाटन के अवसर पर तय टरबाइन बिजली के लिए ज्वार ऊर्जा धर्मान्तरित. जैसा कि आप अनुमान लगा सकते हैं, जहां इस तरह के बांधों का निर्माण किया जा सकता है स्थानों सीमित हैं.

तरंग ऊर्जा

इसी तरह, समुंदर का किनारा के पास विशाल लहरों के पास गतिज ऊर्जा बिजली उत्पन्न करने के लिए एक समान तरीके में फंस जा सकता है. लहरों मजबूत समुद्र के पार हवा बह द्वारा उत्पन्न कर रहे हैं. तरंग ऊर्जा एक व्यवहार्य प्रस्ताव केवल जहां तरंगों बहुत मजबूत होगा. उपकरणों की एक विस्तृत विविधता के लिए तरंग ऊर्जा टरबाइन और बिजली के उत्पादन के रोटेशन के लिए जाल करने के लिए विकसित किया गया है.

महासागर तापीय ऊर्जा

समुद्र या समुद्र की सतह पर पानी सूर्य से गर्म है है जबकि गहरे वर्गों में पानी अपेक्षाकृत ठंडा है. तापमान में यह अंतर सागर थर्मल ऊर्जा रूपांतरण पौधों में ऊर्जा प्राप्त करने के लिए शोषण किया जाता है. इन पौधों अगर सतह और गहराई में 2 किमी के लिए पानी के तापमान पर पानी के बीच अंतर 293 कश्मीर (20 डिग्री सेल्सियस) या अधिक काम कर सकते हैं. सतह के पानी को गर्म करने के लिए अमोनिया की तरह एक वाष्पशील तरल फोड़ा करने के लिए प्रयोग किया जाता है. तरल के vapors तो जनरेटर के टरबाइन चलाने के लिए उपयोग किया जाता है. सागर की गहराई से ठंडे पानी पंप है और वाष्प तरल फिर से गाढ़ा.

समुद्र (ज्वारीय ऊर्जा, तरंग ऊर्जा और समुद्र तापीय ऊर्जा) से ऊर्जा क्षमता काफी बड़ी है, लेकिन कुशल वाणिज्यिक शोषण मुश्किल है.

14.3.3 Geothermal ऊर्जा

भूवैज्ञानिक परिवर्तन, पिघला हुआ चट्टानों पृथ्वी की पपड़ी के गहरी गर्म क्षेत्रों में गठित होने के कारण ऊपर की ओर धकेल रहे हैं और ‘हॉट स्पॉट’ कहा जाता है कुछ क्षेत्रों में फंसे. भूमिगत पानी गर्म स्थान के साथ संपर्क में आता है, भाप उत्पन्न होता है. कभी कभी उस क्षेत्र से गर्म पानी की सतह पर दुकानों पाता है. इस तरह के आउटलेट हॉट स्प्रिंग्स के रूप में जाना जाता है. चट्टानों में फंस भाप एक पाइप के माध्यम से एक टरबाइन के लिए कराई है और बिजली उत्पन्न करने के लिए इस्तेमाल किया. उत्पादन की लागत ज्यादा नहीं हो सकता है, लेकिन वहाँ बहुत कुछ व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य साइटों जहाँ इस तरह के ऊर्जा दोहन किया जा सकता हैं. न्यूजीलैंड और अमेरिका के संयुक्त राज्य अमेरिका में परिचालन भू – तापीय ऊर्जा पर आधारित बिजली संयंत्रों की संख्या रहे हैं.

14.3.4 परमाणु ऊर्जा

कैसे परमाणु ऊर्जा उत्पन्न होता है? एक प्रक्रिया में परमाणु विखंडन, (जैसे यूरेनियम, प्लूटोनियम, या थोरियम के रूप में) एक भारी परमाणु के नाभिक बुलाया, जब कम ऊर्जा न्यूट्रॉन के साथ बमबारी, हल्का नाभिक में अलग विभाजित कर सकते हैं. जब यह किया जाता है, ऊर्जा का एक जबरदस्त राशि अगर मूल नाभिक का बड़े पैमाने पर सिर्फ एक छोटे से अधिक व्यक्तिगत उत्पादों की जनता की राशि जारी की है. यूरेनियम के एक परमाणु विखंडन, उदाहरण के लिए, 10 लाख बार कोयले से कार्बन के एक परमाणु के दहन के द्वारा उत्पादित ऊर्जा पैदा करता है. एक परमाणु रिएक्टर में विद्युत उत्पादन के लिए डिजाइन, जैसे परमाणु ईंधन ‘एक विखंडन आत्मनिर्भर श्रृंखला प्रतिक्रिया है कि एक नियंत्रित दर पर ऊर्जा रिलीज का हिस्सा हो सकता है. जारी ऊर्जा के लिए भाप का उत्पादन और आगे बिजली उत्पन्न करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.

क्या आप जानते हैं?

एक परमाणु विखंडन में, मूल नाभिक और उत्पाद नाभिक के बीच बड़े पैमाने पर, Δm, में अंतर, प्रसिद्ध समीकरण द्वारा नियंत्रित दर से ऊर्जा ई करने के लिए परिवर्तित हो जाता है

ई = Δm ग 2,
पहली ग शून्य में प्रकाश की गति है, जहां 1905 में अल्बर्ट आइंस्टीन द्वारा निकाली गई. परमाणु विज्ञान के क्षेत्र में, ऊर्जा अक्सर इलेक्ट्रॉन वोल्ट (ईवी) की इकाइयों में व्यक्त किया जाता है: 1 एव = 1.602 × 10 -19 जूल. यह 1 परमाणु जन इकाई (यू) ऊर्जा के 931 के बारे में मेगा इलेक्ट्रॉन वोल्ट (एमईवी) के बराबर है कि उपरोक्त समीकरण से जाँच करने के लिए आसान है. तारापुर (महाराष्ट्र), राणा प्रताप सागर (राजस्थान), कलपक्कम (तमिलनाडु), नरोरा (उत्तर प्रदेश), काकरापार (गुजरात) और कैगा स्थित परमाणु विद्युत रिएक्टरों (कर्नाटक) में कुल बिजली का कम से कम 3% की स्थापित क्षमता है हमारे देश की उत्पादन क्षमता. हालांकि, कई औद्योगिक देशों के परमाणु रिएक्टरों से उनके बिजली बिजली की जरूरत का 30% से अधिक मिल रहे हैं.

परमाणु बिजली उत्पादन की प्रमुख खतरा और खर्च या इस्तेमाल ईंधन के भंडारण और निपटान है यूरेनियम हानिकारक subatomic कणों (विकिरण) में अभी भी खस्ताहाल है. अनुचित भंडारण परमाणु अपशिष्ट निपटान और पर्यावरण प्रदूषण में परिणाम है. इसके अलावा, परमाणु विकिरण का आकस्मिक रिसाव के एक जोखिम है. एक परमाणु बिजली संयंत्र, पर्यावरण प्रदूषण और यूरेनियम की सीमित उपलब्धता के उच्च जोखिम की स्थापना का उच्च लागत परमाणु निषेधात्मक ऊर्जा की बड़े पैमाने पर उपयोग करता है.

पहले परमाणु ऊर्जा के विनाशकारी प्रयोजनों के लिए इस्तेमाल किया गया था पहले परमाणु बिजली स्टेशनों के डिजाइन किए गए थे. परमाणु हथियार में विखंडन श्रृंखला प्रतिक्रिया भौतिकी के मौलिक भौतिकी के एक नियंत्रित परमाणु रिएक्टर के लिए इसी तरह की है, लेकिन काफी अलग डिवाइस के दो प्रकार के इंजीनियर हैं.

क्या आप जानते हैं?

नाभिकीय संलयन

वर्तमान में सभी वाणिज्यिक परमाणु रिएक्टरों के परमाणु विखंडन पर आधारित हैं. लेकिन वहाँ एक सुरक्षित नाभिकीय संलयन प्रक्रिया बुलाया द्वारा परमाणु ऊर्जा उत्पादन के एक और संभावना है. फ्यूजन हल्का नाभिक में शामिल होने के लिए एक भारी नाभिक, सबसे अधिक हाइड्रोजन या हाइड्रोजन आइसोटोप के लिए हीलियम, जैसे बनाने का मतलब
2 एच + एच 2 → वह (एन + 3)

यह ऊर्जा का एक जबरदस्त राशि रिलीज, आइंस्टीन समीकरण के अनुसार, के रूप में उत्पाद के द्रव्यमान मूल individul नाभिक की जनता की राशि की तुलना में थोड़ा कम है.

इस तरह के परमाणु संलयन प्रतिक्रियाओं सूर्य और अन्य सितारों में ऊर्जा का स्रोत रहे हैं. यह काफी ऊर्जा लेता है नाभिक फ्यूज करने के लिए मजबूर है. इस प्रक्रिया के लिए आवश्यक शर्तों चरम तापमान और दबाव की pascals की लाखों की डिग्री के लाखों.

हाइड्रोजन बम थर्मोन्यूक्लियर संलयन प्रतिक्रिया पर आधारित है. यूरेनियम या प्लूटोनियम के विखंडन के आधार पर एक परमाणु बम हाइड्रोजन बम के मूल में रखा गया है. यह परमाणु बम ड्यूटेरियम और लिथियम होता है जो एक पदार्थ में अंतर्निहित है. परमाणु बम (विखंडन के आधार पर) विस्फोट किया गया है, जब इस पदार्थ का तापमान कुछ microseconds में 10 7 कश्मीर के लिए उठाया है. उच्च तापमान फ्यूज प्रकाश नाभिक के लिए पर्याप्त ऊर्जा उत्पन्न करता है और ऊर्जा का एक विनाशकारी राशि जारी की है.

क्रियाकलाप 7
  • कक्षा में क्या बायोमास के लिए ऊर्जा के परम स्रोत, हवा और समुद्र तापीय ऊर्जा के सवाल पर चर्चा.
  • भू – तापीय ऊर्जा और परमाणु ऊर्जा इस संबंध में अलग है? क्यों?
  • आप पन बिजली और तरंग ऊर्जा कहाँ जगह होगी?
प्रश्न
  • दर्पण की तरह क्या – अवतल, उत्तल या सादे – सबसे अच्छा एक सौर कुकर में उपयोग के लिए उपयुक्त हो जाएगा? क्यों?
  • ऊर्जा की सीमाओं है कि महासागरों से प्राप्त किया जा सकता है क्या हैं?
  • Geothermal ऊर्जा क्या है?
  • परमाणु ऊर्जा के क्या लाभ हैं?

14.4 पर्यावरणीय परिणामों

हम पिछले अनुभागों में ऊर्जा के विभिन्न स्रोतों का अध्ययन किया है. ऊर्जा के किसी भी स्रोत शोषण कुछ रास्ता या अन्य में पर्यावरण से परेशान है. किसी भी स्थिति में, स्रोत हम चुनना होगा कि स्रोत से ऊर्जा निकालने में आसानी जैसे कारकों पर निर्भर करता है, स्रोत से ऊर्जा को निकालने का अर्थशास्त्र उपलब्ध प्रौद्योगिकी की दक्षता और पर्यावरणीय क्षति का उपयोग करके कारण जाएगा स्रोत. हालांकि हम सीएनजी जैसे स्वच्छ ईंधन की बात करते हैं, इसे और अधिक करने के लिए कह सकते हैं कि किसी विशेष स्रोत अन्य की तुलना में क्लीनर है सटीक होगा. हम पहले से ही देखा है कि जीवाश्म ईंधन जलाने वायु प्रदूषण का कारण बनता है. कुछ मामलों में, सौर सेल की तरह एक उपकरण के वास्तविक ऑपरेशन प्रदूषण मुक्त हो सकता है, लेकिन हो सकता है डिवाइस के विधानसभा कुछ पर्यावरणीय क्षति का कारण होता है. इन क्षेत्रों में अनुसंधान जारी है लंबे समय तक टिकाऊ उपकरणों है कि उनके जीवन भर कम क्षति होगी.

क्रियाकलाप 8
  • विभिन्न ऊर्जा स्रोतों के बारे में जानकारी और कैसे हर एक पर्यावरण को प्रभावित करता है इकट्ठा.
  • प्रत्येक स्रोत के गुण और दोष पर बहस और इस आधार पर ऊर्जा का सबसे अच्छा स्रोत का चयन करें.
प्रश्न
  • ऊर्जा के किसी भी स्रोत प्रदूषण मुक्त हो सकता है? क्यों या क्यों नहीं?
  • हाइड्रोजन एक रॉकेट ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया गया है. आप यह सीएनजी की तुलना में एक स्वच्छ ईंधन पर विचार करेंगे? क्यों या क्यों नहीं?

14.5 कितनी देर तक एक ऊर्जा स्रोत के पिछले अमेरिका?

हमने पहले भी देखा है कि हम बहुत देर के लिए जीवाश्म ईंधन पर निर्भर नहीं कर सकते. इस तरह के स्रोतों कि कुछ दिन समाप्त हो जाएगी हद ऊर्जा के स्रोतों या गैर नवीकरणीय स्रोतों के लिए कहा जाता है. दूसरी ओर, यदि हम आग लकड़ी के लिए पेड़ हम कटौती की जगह जैव द्रव्यमान का प्रबंधन करते हैं, हम एक विशेष दर पर ऊर्जा की लगातार आपूर्ति का आश्वासन दिया जा सकता है. जैसे ऊर्जा स्रोतों कि पुनर्जीवित किया जा सकता है ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों कहा जाता है.

हमारे प्राकृतिक वातावरण में अक्षय ऊर्जा उपलब्ध है, ऊर्जा के कुछ जारी रखने या दोहराव धाराओं के रूप में, या में बड़े भूमिगत जलाशयों कि प्रयोग करने योग्य ऊर्जा की निकासी की वजह से जलाशय की कमी की दर लगभग नगण्य है में संग्रहित है.

क्रियाकलाप 9
  • कक्षा में निम्नलिखित दो मुद्दों पर बहस.
    • अनुमानित कोयला भंडार में हमें एक और दो सौ साल के लिए पिछले करने के लिए पर्याप्त होना कहा जाता है. क्या आपको लगता है कि हम इस मामले में कोयला समाप्त हो रही के बारे में चिंता करने की जरूरत है? क्यों या क्यों नहीं?
    • यह अनुमान है कि सूर्य एक और पांच अरब वर्षों के लिए पिछले जाएगा. क्या हम सौर ऊर्जा समाप्त हो रही है के बारे में चिंता करने की ज़रूरत है? क्यों या क्यों नहीं?
  • बहस के आधार पर तय है, जो ऊर्जा स्रोतों (i) हद (ii) अक्षय, (iii) नवीकरणीय और (iv) गैर अक्षय माना जा सकता है. प्रत्येक चुनाव के लिए अपने कारण दीजिए.
प्रश्न
  • नाम दो ऊर्जा स्रोतों है कि आप के लिए अक्षय पर विचार करेंगे. अपने विकल्पों के लिए कारण दीजिए.
  • दो ऊर्जा स्रोतों में से एक नाम है कि आप हद हो पर विचार करेंगे दे. अपने विकल्पों के लिए कारण दीजिए.
आपने क्या सीखा
  • हमारी ऊर्जा आवश्यकताओं को जीने की हमारी मानक के साथ वृद्धि हुई है.
  • आदेश में हमारी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, हम ऊर्जा के उपयोग की दक्षता में सुधार करने की कोशिश है और यह भी कोशिश करते हैं और ऊर्जा के नए स्रोतों का फायदा उठाने के.
  • हम भी ऊर्जा के नए स्रोतों के लिए देखने की जरूरत है क्योंकि जीवाश्म ईंधन जैसे ऊर्जा के परंपरागत स्रोतों के खतरे में हैं जल्द ही समाप्त हो रही है.
  • ऊर्जा स्रोत का चयन हम आसानी और ऊर्जा स्रोत, ऊर्जा और का उपयोग करते हुए कि स्रोत के पर्यावरणीय प्रभाव की कि स्रोत का उपयोग करने के लिए उपलब्ध प्रौद्योगिकी की क्षमता से निकालने की लागत जैसे कारकों पर निर्भर करेगा.
  • सूत्रों के अंत में सूर्य से ऊर्जा प्राप्त है.
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