मुहावरे व लोकोत्तिया

मुहावरे व लोकोत्तिया




  1. मुट्ठी गरम करना – रिश्वत देना
  2. जमीन पर पैर न रखना – अहंकार होना
  3. काजल की कोठरी होना- कलंक लगने का स्थान
  4. गूंगे का गुड़ होना- अनुभव को व्यव्क्त न कर पाना
  5. बालू से तेल निकालना – असंभव को सम्भव कर दिखाना
  6. उतर गई लोई क्या करेगा कोई – इज्जत जाने पर गम कैसा
  7. रंग सियार- कपटी / धोखेबाज
  8. मिटटी का माथो- मुर्ख/बुद्धू
  9. सब धान बाईस पसेरी- एक सामान समझकर व्यवहार करना
  10. पौ बारह होना- खूब लाभ होना
  11. गूलर का पेट फूलना – औकात से ज्यादा बात करना
  12. मिटटी पलित करना- दुर्दशा करना
  13. सूत न कपास जुलाहे में लट्ठम लट्ठा- अकारण झगड़ा
  14. नंगे बड़े परमेश्वर से – निर्लज से सब डरते हैं
  15. उलटे बॉस बरेली को- विपरीत काम
  16. चिकना घड़ा- निर्लज होना
  17. हसुए के ब्याह में खुरपे का गीत- असंगत बातें करना
  18. तबेली की बला बंदर के सिर- किसी का अपराध दुसरे के सिर
  19. अरहर की टट्टी गुजरती ताला- अनमेल साधन जुटाना
  20. अंगद का पैर होना- अतीव दृढ़ होना
  21. अंगूठा चूमना- चापलूसी करना
  22. कड़ी सा उबाल- मामूली जोश
  23. औघर की झोली – कई करामती वस्तुओ का संग्रह
  24. खून सफेद होना- दया मोह न रहना
  25. खेत रहना – युद्ध में मारा जाना
  26. गड़े मुर्दे उखाड़ना- पुरानी बातो पर प्रकाश डालना
  27. आंख के अंधे का नाम नयन सुख- गुणों के विरुद्ध नाम होना
  28. सब्जबाग दिखाना- प्रलोभन देना
  29. ओस चाटने  से  प्यास  नहीं  बुझती – बड़े  काम  के  लिए  बड़ा  प्रयत्न  करना  पड़ता  है .
  30. थोथा चना  बाजे  घना – जिसको  कम  ज्ञान  होता  है  वो  दिखावा  करने  के  लिए  अधिक  बोलता  है



  31. मूर्ख के आगे रोए अपने नैन खोए. – मूर्ख के आगे रोए अपने नैन खोए.
  32. दान की बछिया के दांत नहीं देखे जाते.- दान में  मिली  चीजों  में  कमी  नहीं  निकालनी  चाहिए .

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